Priyanka Verma

Add To collaction

लेखनी कहानी - हिसाब या बेहिसाब?

हिसाब या बेहिसाब??


अनंत प्रेम, जिसे
किसी भी तराजू पर जिसे तौल ना जाके,
कसौटियों पर जिसकी शुद्धता को आंका ना जा सके,
प्रेम और विरह के बीच जिसको पहचाना ना सके,
हिसाब किताब, सही गलत के परे,
बस एक अटूट विश्वास के सहारे,
जो अनंत से अनंत तक,
निरंतर बहता ही रहे,
इस सृष्टि के साथ, या इसके बाद,
जिसे मिटाया ना जा सके,
बस इतना ही प्रेम करते हैं तुमसे,
अब तुम लगा लो, इसका हिसाब,
कितना प्रेम है, थोड़ा या बेहिसाब??


प्रियंका वर्मा
6/1/23

   20
6 Comments

जिसे का प्रयोग दूसरी लाइन में न करें तो बेहतर है,,,, तौला,,, होगा

Reply

Wahhhh wahhhh बहुत ही खूबसूरत और उम्दा अभिव्यक्ति

Reply

Gunjan Kamal

07-Jan-2023 10:37 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

Reply